आइए जानते हैं राजस्थान के वन्य
जीव अभ्यारण से जुड़े प्रश्नों के उत्तर, इस रोचक ब्लॉग में! राजस्थान, अपनी विविधता और रंगीन वन्यजीवों की धरोहर के लिए विख्यात है। यह
ब्लॉग राजस्थान के वन्य जीव अभ्यारण के सवालों के उत्तर प्रदान करेगा, जिनसे आपको राजस्थान के वन्य जीवों के संरक्षण और समृद्धि के विषय
में अधिक जानकारी मिलेगी।
इस ब्लॉग के माध्यम से, हम राजस्थान के वन्य जीव अभ्यारणों की प्रमुखता को अनुसंधान करेंगे
और उन्हें संरक्षण, प्रबंधन और प्रगति के पहलुओं के साथ
जोड़ेंगे। आपको वन्य जीव अभ्यारणों की समृद्ध वन्यजीव और उनके संरक्षण के लिए
संघर्ष के रोचक किस्से भी प्रस्तुत किए जाएंगे।
तो जल्दी से इस ब्लॉग को देखें और राजस्थान के वन्य जीव
अभ्यारण से संबंधित रोचक प्रश्नों के उत्तर खोजें। हम एक रोमांचक और ज्ञानवर्धक
यात्रा पर आपके साथ होंगे जो राजस्थान के वन्यजीव अभ्यारणों के चमत्कारिक दुनिया
में आपको ले जाएगी।
Q1. राजस्थान में वन्य जीव अभयारण्य
कितने हैं?
(1) 26
(2) 27
(3) 31
(4) 33
व्याख्या-वन विभाग, राजस्थान के अनुसार राज्य में 27 वन्य जीव अभयारण्य, 4 टाइगर रिजर्व (21 जून, 2021 को चौथे टाइगर रिजर्व के रूप में बूँदी
रामगढ़ विषधारी सेंचुरी को मंजूरी), 7 मृग वन, 29 कंजर्वेशन रिजर्व, 5 जन्तुआलय, 2 रामसर स्थल (घनापक्षी विहार, सांभर झील) व 33 आखेट निषिद्ध क्षेत्र हैं।
Q2. निम्नलिखित में से राजस्थान के
राष्ट्रीय उद्यान है-
1. मुकुन्दरा हिल्स
3. केवलादेव घना
2. रणथम्भौर
4. नेशनल चम्बल सेन्चुरी
कूट
(1) 2, 3 तथा 4 सही है
(2) 1, 2 तथा 4 सही हैं
(3) 1, 2 तथा 3 सही हैं
(4)1, 2, 3 तथा 4 सही हैं
व्याख्या- राजस्थान के राष्ट्रीय उद्यान
1. रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान
(सवाईमाधोपुर) - क्षेत्रफल
282.03 वर्ग किमी., स्थापना : 1 नवम्बर, 1980
2. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (भरतपुर) -
क्षेत्रफल
28.73 वर्ग किमी., स्थापना : 27 अगस्त, 1981
3. मुकुन्दरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान
(कोटा-चित्तौड़गढ़)
• क्षेत्रफल 199.55 वर्ग किमी., स्थापना : 9 जनवरी, 2012
Q3. 'घना पक्षी-विहार' पक्षियों का स्वर्ग माना जाता है। यहाँ का
मुख्य आकर्षण है-
(1) कुरजां
(2) गोडावण
(3) साईबेरियन
क्रेन
(4) कोयल
ANS-3
व्याख्या - केवलादेव (घना) राष्ट्रीय उद्यान, भरतपुर : पर्यटन परिपथ 'स्वर्ण-त्रिकोण' एवं गम्भीरी व बाणगंगा नदियों के संगम पर स्थित भारत का सबसे
बड़ा पक्षी अभयारण्य विश्व में 'पक्षियों का स्वर्ग' कहलाता है। यहाँ भगवान शिव
(कैलाश) का प्राचीन मंदिर होने के कारण इसका नाम केवलादेव है। यहाँ शीतकाल में हजारों प्रवासी पक्षी (साइबेरियन सारस) आते हैं।
डॉ. सलीम अली के प्रयासों से इसे पक्षी अभयारण्य का दर्जा दिया गया। राजस्थान का यह सबसे
छोटा (क्षेत्रफल 28.73 वर्गकिमी.) राष्ट्रीय
उद्यान है।
Q4. रामसर सम्मेलन (ईरान) द्वारा
चिह्नित राजस्थान में अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व के वन्यजीव
आर्द्रभूमि पारिस्थितिक स्थलों के नाम बताइए -
(1) फुलवारी की नाल, भैसरोड़गढ़
(2) सरिस्का, चम्बल अभयारण्य
(3) सांभर झील, केवलादेव घना
(4) जयसमन्द झील, जवाहर सागर
Q5. राजस्थान में प्रोजेक्ट टाइगर का
आरंभ निम्नलिखित में से किस वन्यजीव क्षेत्र में किया गया था-
(1) सरिस्का
(2) रणथम्भौर
(3) केवलादेव
(4) मुकुन्दरा
हिल्स
राजस्थान में चार राष्ट्रीय बाघ
भंडार हैं:
1.सवाई माधोपुर में रणथंभौर राष्ट्रीय
उद्यान।
2. अलवर में सरिस्का टाइगर रिजर्व।
3. कोटा में मुकुंदरा हिल टाइगर रिजर्व
।
4. हाल ही में, रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की तकनीकी समिति से राजस्थान का चौथा टाइगर रिजर्व बनने की मंजूरी मिली है
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Q6. 'राष्ट्रीय मरु उद्यान, जैसलमेर' की स्थापना कब हुई?
(1) 1990 में
(2) 1991 में
(3) 1981 में
(4) 1982 में
व्याख्या - राष्ट्रीय मरु उद्यान : 3162 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल
में फैले इस अभयारण्य की स्थापना 8 मई, 1981 को की गई। जैसलमेर (1900 वर्ग किमी) एवं बाड़मेर (1262 वर्ग किमी) में स्थित राष्ट्रीय मरु उद्यान में जीवावशेष पार्क
(आकलवुड फोसिल पार्क) स्थित है। राजस्थान में सबसे बड़े इस अभयारण्य में दुर्लभ राज्य पक्षी गोडावण पाया जाता है।
Q7. वन्य जीव अभयारण्य एवं संबंधित नदी को सुमेलित कीजिए-
1. चम्बल (a) बस्सी
2. चम्बल और बामनी (b) भैंसरोड़गढ़
3. परवन (c) जवाहर सागर
4. ओरई और बामनी (d) शेरगढ़
कूट: ABCD
(1) 4 2 1 3
(2) 4 1 2 3
(3) 2 1 4 3
(4) 2 1 3 4
Q8. राजस्थान का वह अभयारण्य जो हरे
कबूतरों के लिए प्रसिद्ध है-
(1) सरिस्का
(2) केवलादेव
(3) रणथम्भौर
(4) तालछापर
व्याख्या - सरिस्का अभयारण्य की स्थापना 1955 में की गई। हरे कबूतरों के लिए
प्रसिद्ध (हरे कबूतर / हारिल अजमेर में भी पाये जाते है) यह अभयारण्य
27
अगस्त, 1982 को बाघ परियोजना के अंतर्गत शामिल
किया गया है।
Q9. सुमेलित कीजिए-
वन्य जीव अभयारण्य जिला
(A) रामगढ़ विषधारी (1) चुरू
(B) जवाहर सागर
(2) धौलपुर
(C) ताल छापर (3) बूंदी
(D) वन विहार (4) कोटा
कूट ABCD
(1) 3 4 2 1
(2) 1 2 3 4
(3) 3 4 1 2
(4) 4 3 2 1
Q10. घड़ियालों की प्रजाति को संरक्षित
करने के लिए कौनसा अभयारण्य है?
(1) जयसमंद अभयारण्य
(2) बन्ध
वारेठा अभयारण्य
(3) राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य
(4) जवाहर सागर
वन्य विहार
व्याख्या राष्ट्रीय चम्बल घड़ियाल अभयारण्य (कोटा, बूँदी, करौली, सवाईमाधोपुर, धौलपुर) घड़ियालों
एवं स्तनपायी डॉल्फिन हेतु प्रसिद्ध है।
(1) हीरामन, सौंकलिया
(2) बटबड़, गजनेर
(3) हरातोता, सरिस्का
(4) हिन्दू लोचन, अजमेर
बीकानेर में स्थित गजनेर अभयारण्य बटबड पक्षी/रेत का तीतर' (इम्पीरियल सेन्डगाउज) तथा जंगली
सूअरों के लिए प्रसिद्ध ।
Q12. सुमेलित कीजिए-
(A) तालछापर अभयारण्य (1) मगरमच्छ
(B) राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य (2) साइबेरियन क्रेन
(C) सरिस्का वन्य जीव अभयारण्य (3) कृष्ण मृग
(D) केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (4) बाघ
कूट :
(1) 3 1 4 2
(2) 2 4 1 3
(3) 4 2 3 1
(4) 1 2 4 3
Q13. तालछापर कृष्णमृग अभयारण्य किस
जिले में स्थित है?
(1) सीकर
(2) झुन्झुनूँ
(3) दौसा
(4) चूरू
चूरू जिले में स्थित तालछापर कृष्ण मृग अभयारण्य : काले हिरणों के
लिए प्रसिद्ध । वर्षा ऋतु में इस अभयारण्य में 'मोचिया / साइप्रस रोटन्डस' नामक नर्म घास उत्पन्न होती है।
Q14. राजस्थान का एकमात्र अभयारण्य
जहाँ उड़न गिलहरियाँ देखी जा सकती हैं
(1) रामगढ़ विषधारी अभयारण्य
(2) नाहरगढ़ अभयारण्य
(3) सीतामाता अभयारण्य
(4) वन विहार अभयारण्य
व्याख्या - सीतामाता अभयारण्य चित्तौड़गढ़-प्रतापगढ़ जिले में
स्थित सीतामाता अभयारण्य उड़ने वाली गिलहरियों एवं चौसिंगा (घंटेल) के लिए
प्रसिद्ध है। यहाँ सागवान वन (सर्वाधिक) पाये जाते हैं।
Q15. कुरजाँ पक्षी विहार स्थित है-
(1) खींचन
(2) ओसियाँ
(3) पुष्कर
(4) नागौर
Q16. शेरगढ़ वन्य जीव क्षेत्र निम्नलिखित में से किस जिले में स्थित है?
(1) बाराँ
(2) उदयपुर
(3) जयपुर
(4) बीकानेर
व्याख्या : शेरगढ़ बारों में स्थित है। इसकी स्थापना 1983 में हुई। साँपों का संरक्षण स्थल। परवन नदी का विचरण।
Q17. सुमेलित कीजिए-
(a) राष्ट्रीय मरू उद्यान 1. उदयपुर
(b) तालछापर 2. भरतपुर
(c) फूलवाड़ी-की-नाल 3. जैसलमेर
(d) बन्ध बारेठा 4. चूरू
कूट: ABCD
(1) 3 4 1 2
(2) 2 3 1 4
(3) 3 2 4 1
(4) 4 3 2 2
Q18. निम्न में से कौन-सा अभयारण्य
राजस्थान के धौलपुर जिले में स्थित नहीं है-
(1) राम सागर
(2) केसर बाग
(3) वन विहार
(4) शेरगढ़
Q19. राज्य में सबसे अधिक गागरोणी तोते
किस अभयारण्य में मिलते हैं?
(1) रणथम्थौर
(2) मुकन्दरा
हिल्स
(3) केवलादेव
(4) सरिस्का
Q20. सज्जनगढ़ बायोलॉजीकल पार्क
राजस्थान के कौन से जिले में अवस्थित है?
(1) जयपुर
(2) उदयपुर
(3) अजमेर
(4) जोधपुर
व्याख्या -राज्य के जैविक उद्यान (Biological
Park)-
1. सज्जनगढ़ जैविक उद्यान, उदयपुर (लोकार्पण: 12 अप्रैल, 2015)
2. माचिया जैविक उद्यान, जोधपुर (लोकार्पण : जनवरी, 2016)
3. नाहरगढ़ जैविक उद्यान, जयपुर (लोकार्पण : 4 जून, 2016)
4. अभेड़ा जैविक उद्यान, कोटा
5. मरुधरा बायोलॉजिकल पार्क, बीकानेर
Q21. कृष्ण मृग शुभंकर है-
(1) बाड़मेर जिले का
(3) कोटा जिले का
(2) चूरू जिले का
(4) जैसलमेर जिले का
जिलेवार वन्यजीव शुभंकर घोषित : एक दृष्टि में
अजमेर: खरमोर
बारां:: मगर
बाड़मेर: की/मरू लोमड़ी
भीलवाड़ा :मोर
बीकानेर : भट्ट तीतर
चूरू : कृष्ण मृग
दौसा: खरगोश
जैसलमेर: गोडावण
जालौर : भालू
झालावाड़: गागरोनी तोता
झुंझुनूं: काला तीतर
जोधपुर : कुरजाँ
नागौर : राजहंस
करौली: घड़ियाल
पाली: तेंदुआ
सवाई माधोपुर : बाघ
प्रतापगढ़ : उड़न गिलहरी
श्रीगंगानगर : चिंकारा
सिरोही: जंगली
मुर्गी
टोंक: हंस
जयपुर: चीतल
भरतपुर : सारस
Q22. राजस्थान में भालूओं का पहला
संरक्षित क्षेत्र कौनसा है-
(1) सुन्धामाता संरक्षित क्षेत्र
(2) शाकम्भरी
संरक्षित क्षेत्र
(3) गोथेलान संरक्षित क्षेत्र
(4) रोटू
संरक्षित क्षेत्र
ANS-1
व्याख्या - सिरोही जिले के माउन्ट आबू संरक्षित क्षेत्र के 326 वर्ग किलोमीटर तथा जालौर जिले के
सुंधामाता कंजरवेशन रिजर्व के 117.49 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को मिलाकर
घोषित (20 जुलाई, 2010 ) प्रदेश का पहला तथा देश का
चौथा भालू अभयारण्य।
Q23. सुमलित कीजिए
सूची-I (वन्यजीव संरक्षित क्षेत्र ) सूची-II (जिला)
A. जोड़बीड़ गडेवाल 1. झुंझुनूँ
B. गुढ़ा विश्नोई 2. नागौर
D. बीड़ 3. जोधपुर
C. गोगेलाव 4. बीकानेर
कूट: ABCD
(1) 1 2 3
4
(2) 1 3 4 2
(3) 4 3 2 1
(4) 4 3 1 2
Q24. सुन्धामाता कन्जर्वेशन रिजर्व
स्थित हैं-
(1) सिरोही, जालौर
(3) बाड़मेर, जालौर
(2) जालौर, जोधपुर
(4) सीकर, झुंझुनूँ
इस शानदार यात्रा के अंत में, हम आपका आभार व्यक्त करते हैं कि आपने हमारे "Quick Revision" ब्लॉग का समय दिया। राजस्थान के वन्य जीव अभ्यारण से संबंधित प्रश्नों के उत्तर प्राप्त करने के लिए आपने इस यात्रा में सहयोग किया है और हमें गर्व है।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको राजस्थान के वन्य जीव अभ्यारण से संबंधित जानकारी और रोचक प्रश्नों के उत्तर बहुत पसंद आएंगे। हमने इस ब्लॉग के माध्यम से आपको राजस्थान की अनमोल प्राकृतिक संपदा और वन्यजीव के संरक्षण में होने वाले संघर्ष को प्रस्तुत किया है।
आपके साथ रहने का और आपके समर्थन का हमारे लिए महत्वपूर्ण स्थान है। हम आपके अगले यात्राओं में भी आपके साथ जुड़े रहने की उम्मीद करते हैं।
धन्यवाद
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