राजस्थान के लोक वाद्य यंत्र | Rajasthan ke vadya yantra

 


"Quick Revision" ब्लॉग पर आपका स्वागत है! इस बार हम राजस्थान के लोक वाद्य यंत्रों के प्रश्नों के साथ-साथ उत्तर भी प्रदान करेंगे। यदि आप राजस्थानी लोक संगीत के साथ जुड़े वाद्य यंत्रों के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो यह ब्लॉग आपके लिए एक उपयोगी स्त्रोत होगा।

हमने इस ब्लॉग में केवल प्रश्नों और उत्तरों के रूप में राजस्थान के लोक वाद्य यंत्रों की विविधता और विशेषताओं को समावेश किया है। हर प्रश्न के साथ, हम उस यंत्र की विशेषता, उसका उपयोग, और राजस्थानी संस्कृति में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे।

यह ब्लॉग आपको राजस्थान की रोचक लोक वाद्य यंत्रों के संबंध में उपयुक्त समझ प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। हमें आशा है कि आपको इसमें प्रश्नों के संबंधित उत्तरों से राजस्थानी लोक संगीत के अनुसंधान में नए दृष्टिकोण प्राप्त होंगे।

"Quick Revision" टीम आपको इस दिलचस्प यात्रा में साथ लेने के लिए तत्पर है। आपके प्रश्नों का उत्तर देने और आपकी सहायता करने के लिए हम यहां हैं। हमें आशा है कि आपको यह ब्लॉग पसंद आएगा और राजस्थानी लोक संगीत के अद्यतन ज्ञान का आनंद मिलेगा।

"Quick Revision" टीम



(1) इकतारा

(2) अलगोजा

(3) नौबत

(4) ताशा

 ANS-2

व्याख्या- अलगोजा राजस्थान का राज्य वाद्य है जो बांसरी की तरह होता है। इसका मुँह कलम की तरह कटा होता है। दो अलगोजों के कटे भाग को मुँह में रख फूंक के माध्यम से इन्हें बजाया जाता है। इसमें सात अथवा चार छिद्र होते हैं। बाँस नली से निर्मित इस सुषिर वाद्ययंत्र के ऊपरी मुख

को छीलकर उस पर लकड़ी का गट्ठा चिपका दिया जाता वादक प्रायः दो अलगोजे एक साथ मुँह में रखकर इसे बाँसुरी की तरह बजाते हैं। यह वाद्ययंत्र मुख्य रूप से भील व कालबेलिया जनजाति द्वारा बजाया जाता है।

 

 

Q.  जो वाद्य फूँक कर बजाए जाते हैं उन्हें कहा जाता है-

(1) तत् वाद्य

(2) ताल वाद्य

(3)सुषिर वाद्य

(4) घन वाद्य

  ANS-3


व्याख्या - सुषिर वाद्य - इस वाद्य में फूँक से बजाये  जाने वाले वाद्ययंत्र शामिल किये जाते हैं, जो निम्नांकित है- सतारा, पूँगी, अलगोजा, शहनाई, मशक, नडू, मोरचंग, बाँकियां, बँसी, वेलि, मुरली, शंख, सिंगी, तरही,. नागफणी, सरनाई आदि ।

 

Q.  तार से निर्मित वाद्ययंत्र कौन सा है?

(1) रावण हत्था

(2) अलगोजा

(3) मोरचंग

(4) चंग


  ANS-1


व्याख्या - तत् वाद्य -जिन वाद्यों में तार लगे होते हैं, वे तत् वाद्य की श्रेणी में आते हैं। जिनमें प्रमुख है- रावण हत्था, सारंगी, जंतर, इकतारा, चौतारा, कमायचा (कामायचा), तंदूरा (वेणो), भपंग, रबाज, रबाब,

चिकारा, गूजरी, दुकाको, सुरिन्दा।

 • अवनद्ध (ताल) वाद्य (चमड़े से मढ़े हुए लोक वाद्य) : जिसके एक ही ओर खाल मढ़ी हो- खंजरीचंग, डफडँरूधौंसातासाकुंडीगड़गड़ाटी। जिनका घेरा लकड़ी या धातु का हो तथा चमड़ा दोनों ओर मढ़ा हो- मांदलढोलडमरू, ढोलकढाकमकरमृदंगपखावज। जिनका ऊपरी भाग खाल से ढका हो तथा कोटरीनुमा नीचे का भाग बंद रहता हो- नौबत, नगाड़ामाठदमामा (टामरू)माटा।

 • घन वाद्य घन वाद्य प्रमुख रूप से धातु से निर्मित होते हैंजो मंजीराझांझखड़तालघुरालियौरमझोल है।



Q. 'रावणहत्था' किस प्रकार का वाद्य यंत्र है-

(1) तत्

(2) सुषिर काष्ठ

(3) अवनद्ध

(4) घन


 ANS-1


व्याख्या-रावणहत्था तत् वाद्य यंत्र को बनाने के लिए नारियल की कटोरी, जो बाँस के साथ लगी होती है,

पर खाल मढ़ी जाती है। बाँस में जगह-जगह खूँटियाँ लगा दी जाती है जिनमें नौ तार बाँधे जाते हैं । इस यंत्र को बजाने वाली गज धनुष के समान होती है जिस पर घोड़े के बाल व घुँघरू बँधे होते हैं। इस वाद्य यंत्र का प्रयोग पाबूजी के अनुयायी थोरिया भोपें, डूंगरजी- जवाहरजी के भोपे कथाएँ बांचते समय करते हैं।

 

Q.  देवनारायण जी की फड़ के वाचन के साथ किस वाद्य यंत्र का प्रयोग किया जाता है-

(1) मंजीरा

(2) मांदल

(3) जंतर

(4) कुंडी

  ANS-3

व्याख्या - जंतर : वीणा की आकृति की तरह के इस वाद्ययंत्र में दो तुम्बें होते हैं जिसकी डाँड बाँस की बनी होती है। इस वाद्ययंत्र का प्रयोग देवजी की फड़ गाते समय गूजरों के भोपे गले में लटकाकर करते हैं।


 

Q. निम्नलिखित में से कौन सा तत्वाद्य नहीं है?

(1) रावण हत्या

(2) जंतर

(3) अलगोजा

(4) कामायचा

 

 ANS-


व्याख्या-बाँस नली से निर्मित अलगोजा सुषिर वाद्ययंत्र भील व कालबेलिया जनजाति द्वारा बजाया जाता है।


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Q. राजस्थान के किस लोक वाद्य को ज्यूज हार्प भी कहा जाता है-

(1) मोर चंग

(3) कमायचा

(2) रावण हत्था

(4) खड़ताल

  ANS-1

व्याख्या- मोरचंग (Jew's Harp) सुषिर वाद्य यंत्र है जिसको पतले लोहे की लम्बी राड़जिसके दोनों ओर छड़ लगाई जाती हैके मुँह को घुमाव देकर बनाया जाता है।


Q. 'तारपी' वाद्ययंत्र का प्रयोग मुख्यतः किस जाति के द्वारा किया जाता है-

(1) कथोडियों

(2) मांगणियारों

(3) नटों

(4) जोगियों


  ANS-1


व्याख्या - कथोड़ी जनजाति के लोकवाद्य यंत्रगोरिड़िया, तारपी, थालीसर, घोरिया या खोखरा, पावरी,

टापरा । 'तारपी' लोकी के एक सिर पर छेद कर बनाया जाने वाला वाद्य जो महाराष्ट्र के तारपा लोकवाद्य के समान है। यह सुषिर श्रेणी का वाद्य है।

 

Q. निम्न में से कौन-सा यंत्र राजस्थान के तेरहताली नृत्य में काम नहीं आता?

(1) मंजीरा

(2) तानपुरा

(3) चौतारा

(4) डेरु


  ANS-4


व्याख्या - तेरहताली नृत्य में मुख्य वाद्य यंत्र एकतारा, चौतारा, मंजीरा व तंदूरा (तानपुरा) होते हैं। डेरू (अवनद्ध वाद्य) वाद्ययंत्र को आम की लकड़ी पर दोनों ओर चमड़ा मढ़कर बनाया जाता है। इसके बीच के हिस्से को दाहिने हाथ से पकड़कर रस्सी से खींचकर आवाज निकाली जाती है।




 

Q. घूमर नृत्य के समय कौनसे वाद्य यंत्रों की आवश्यकता होती है-

(1) ढोलक एवं वीणा

(3) केवल ढोलक

(2) मंजीरा और वीणा

(4) ढोलक और मंजीरा


  ANS-4


व्याख्या - घूमर नृत्य के समय ढोलक के साथ मंजीरा आदि बहुतायत से बजाये जाते हैं।.

 

Q. लोक वाद्य यंत्र 'भपंग' राजस्थान के किस क्षेत्र से सम्बन्धित है?

(1) मेवात

(2) मेवाड़

(3) मेरवाड़ा

(4) मारवाड़


  ANS-1


व्याख्य| भपंग -यह लम्बी आल के तुम्बे से बना होता है। तुम्बे से नीचे का भाग खाल से मढ़ दिया जाता है जबकि ऊपर का हिस्सा खाली छोड़ दिया जाता है। इसे मुख्यतया अलवर क्षेत्र के जोगी बजाते है।


 

 Q. मुँह के द्वारा बजाए जाने वाले वाद्य यंत्रों में निम्नलिखित में से कौनसा नहीं है-

(1) अलगोजा

(2) सतारा

(3) मशक

(4) रवाज्


  ANS-4


Q.  बाँकिया, सिंगी और टोटा लोकवाद्य किस परम्परा से सम्बद्ध है-

(1) तत् वाद्य

(2) अवनद्ध वाद्य

(3) घन वाद्य

(4) सुषिर वाद्य

 

  ANS-4



Q. वाद्य यंत्र-जाति सुमेलित कीजिए

(A) सारंगी             (1) भोपे

(B) पूंगी                (2) मांगणियार

(C) कामायचा        (3) लंगा

(D) रावणहत्था      (4) कालबेलिया

कूट :

(A) (B) (C) (D)

(1) 1 2 3 4

(2) 2 1 3 4

(3) 4 3 2 1

(4) 3 4 2 1

  ANS-4


Q.  सुमालत कीजिए

A. इकतारा        1. घन वाद्य

B. अलगोज़ा      2. तत् वाद्य

C. झांझ           3. सुषिर वाद्य

D. मादल         4. अवनद्ध वाद्य

   

    A B C D

(1) 2 3 1 4

(2) 1 2 3 4

(3) 2 3 4 1

(4) 3 4 2 1

 


  ANS-1

 

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