राजस्थान में प्रजामंडल | Rajasthan me prajamandal andolan | rajasthan me prajamandal mcq

नमस्ते दोस्तों! इस ब्लॉग में हम आपके साथ "राजस्थान में प्रजामंडल आंदोलन" से संबंधित प्रश्न साझा कर रहे हैं। प्रजामंडल आंदोलन, जो राजस्थान में एक महत्वपूर्ण इतिहासिक घटना थी, राजस्थानी जनता के स्वतंत्रता और अधिकारों के लिए एक महत्वपूर्ण संघर्ष का प्रतीक बना।

इस ब्लॉग में हम आपके विचारों को आगे बढ़ाते हुए राजस्थान में प्रजामंडल आंदोलन से संबंधित प्रश्नों को पेश कर रहे हैं। यह प्रश्न इस आंदोलन के कारण, उद्देश्य, आंदोलन की महत्वपूर्ण घटनाओं, संघटना, और नेताओं के बारे में हैं। यदि आप इस ऐतिहासिक आंदोलन की गहराई और महत्व को जानना चाहते हैं, तो आपके द्वारा पूछे गए प्रश्नों को इस ब्लॉग में समाविष्ट किया गया है।

आप इस ब्लॉग को पढ़कर राजस्थान में प्रजामंडल आंदोलन की महत्वपूर्ण पहलुओं, इतिहास, और संघर्षों को समझेंगे। हमें उम्मीद है कि यह ब्लॉग आपको राजस्थान के ऐतिहासिक विरासत के प्रति अधिक संवेदनशील बनाएगा।

इस ब्लॉग के नए अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट पर बने रहें और हमारे सोशल मीडिया पेजों को भी फ़ॉलो करें ताकि आप हमारे नवीनतम ब्लॉग पोस्ट्स और शिक्षा संबंधित सामग्री से अपडेट रहें। धन्यवाद एक बार फिर से और शुभकामनाएं!

"Quick Revision" टीम

 

Q1. राजस्थान का प्रथम प्रजामण्डल था?

(1) जयपुर प्रजामण्डल

(2) मारवाड़ प्रजामण्डल

(3) मेवाड़ प्रजामण्डल

 (4) भरतपुर प्रजामण्डल

 

ANS-1


 कर्पूरचन्द पाटनी की अध्यक्षता में सर्वप्रथम 1931 में जयपुर प्रजामण्डल गठित हुआ, लेकिन मृतप्राय

रहा। चिरंजीलाल मिश्रा की अध्यक्षता में पुनर्गठित (1936-37)1938 ई. में जमनालाल बजाज अध्यक्ष बने। 1942 ई. के भारत छोड़ो आन्दोलन में जयपुर प्रजामण्डल की निष्क्रियता से असंतुष्ट होकर श्री बाबा हरिशचन्द्र, रामकरण जोशी, दौलत भण्डारी, श्री हंस दी राय, चिरंजीलाल मिश्र द्वारा आजाद मोर्चा संगठन गठित किया

 

Q2. 'भारत छोड़ो आंदोलन' के दौरान जयपुर प्रजामण्डल के अध्यक्ष कौन थे

(1) हीरालाल शास्त्री

(2) कर्पूरचन्द पाटनी

(3) जमनालाल बजाज

 (4) रामकरण जोशी


ANS-2

 

Q3. भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जेंटलमैन एग्रीमेंट किनके मध्य संपन्न हुआ था -

(1) मिर्जा इस्माइल और रामकरण जोशी

(2) के. एम. मुंशी और जयनारायण व्यास

(3) के. एम. मुंशी और माणिक्यलाल वर्मा

(4) मिर्जा इस्माइल और हीरा लाल शास्त्री

ANS- 4

जेन्टिलमेंस एग्रीमेंट- सितम्बर, 1942 ई. में जयपुर के प्रधानमंत्री मिर्जा इस्माइल व जयपुर प्रजामंडल के अध्यक्ष श्री हीरालाल शास्त्री के मध्य हुआ समझौता।


 Q4. 1938 में करौली प्रजा मण्डल की स्थापना किसने की थी?

(1) ठाकुर पूरन सिंह

(2) हुकम चंद

(3) त्रिलोक चन्द माथुर

(4) नारायण सिंह


ANS-3

 

Q5. बीकानेर प्रजामण्डल की स्थापना किस वर्ष में हुई?

(1) 1931

(2) 1933

(3) 1934

(4) 1936


ANS-4

 

बीकानेर प्रजामण्डल - पं. मधाराम वैद्य,की अध्यक्षता में गठित (4 अक्टूबर, 1936) जिसमें श्री

भिक्षालाल बोहरा, श्री सुरेन्द्र कुमार शर्मा, शेराराम व लक्ष्मणदास (मंत्री) सहयोगी रहे।

 

                                                                                                                                                                                                                                      DOWNLOAD PDF HERE                                                   



Q6. निम्न में से कौन-सा युग्म सही सुमेलित नहीं है-

(1) जैसलमेर प्रजामंडल - मीठालाल व्यास

(2) दूंगरपुर -    भोगीलाल पाण्ड्या

(3) बीकानेर प्रजामंडल -  जयनारायण व्यास

(4) झालावाद प्रजामंडल -  कन्हैयालाल मित्तल

 

ANS-3

 

Q7. किस राजपूत राज्य के प्रजामंडल की स्थापना कलकत्ता में की गई थी?

(1) करौली प्रजामंडल

(2) बीकानेर प्रजामंडल

(3) धौलपुर प्रजामंडल

 (4) झालावाड़ प्रजामंडल


ANS-2

 

कलकत्ता में निवास करने वाले बीकानेर राज्य के निवासियों ने मधाराम वैद्य, लक्ष्मीदेवी आचार्य और श्रीराम आचार्य आदि कार्यकर्ताओं के सहयोग से कलकत्ता में बीकानेर राज्य प्रजामंडल की स्थापना की। इसका अध्यक्ष लक्ष्मीदेवी आचार्य को बनाया गया।

 

Q8. 'काँगड़ काण्ड' किस प्रजामण्डल आन्दोलन दौरान घटित हुआ?

(1) झालावाड़ प्रजामण्डल

(2) जयपुर प्रजामण्डल

(3) बीकानेर प्रजामण्डल

(4) कोटा प्रजामण्डल

 

ANS-3

 

Q9. 1938 ई. में स्थापित मेवाड़ प्रजामण्डल का प्रथम अध्यक्ष कौन था?

(1) बलवन्त सिंह मेहता

(2) माणिक्लाल वर्मा

(3) भूरेलाल बया

(4) मोहनलाल सुखाड़िया


ANS-1

 

 मेवाड़ प्रजामण्डल माणिक्य लाल वर्मा के प्रयासों से स्थापित (24 अप्रैल, 1938) अध्यक्ष बलवंत सिंह मेहता व उपाध्यक्ष भूरेलाल बया को बनाया गया। महामंत्री माणिक्यलाल वर्मा बने। नवम्बर, 1941 को प्रथम अधिवेशन माणिक्य लाल धर्मा की अध्यक्षता में उदयपुर में हुआ जिसमें आचार्य जे. बी. कृपलानी व श्रीमती विजयलक्ष्मी पण्डित ने भाग लिया। माणिक्यलाल वर्मा ने अजमेर से 'मेवाड़ का वर्तमान शासन' नामक पुस्तिका प्रकाशित कर मेवाड़ में कुशासन की पोल खोल दी।

 

Q10. मेवाड़ प्रजामण्डल की स्थापना किसके द्वारा की गई ?

(1) माणिक्यलाल वर्मा

(2) भोगीलाल पाण्ड्या

(3) मोहनलाल सुखाड़िया

(4) पण्डित गौरीशंकर

 

ANS-1

 

Q11. सही सुमेलित नहीं है?

(1) मेवाड़      -1936

(2) अलवर-    1938

(3) हाड़ौती  -  1934

(4) जयपुर -    1931

 

ANS-1

 

Q12. कोटा राज्य प्रजामंडल के संस्थापक कौन थे-

(1) मीठालाल व्यास

(3) शिवशंकर गोपा

(2) मधाराम वैद्य

(4) नयनूराम शर्मा


ANS-4

 

 कोटा प्रजामण्डल (1939) - हाड़ौती प्रजामण्डल के निष्क्रिय हो जाने पर नयनूराम शर्मा ने पं. अभिन्न हरि के साथ मिलकर कोटा प्रजामण्डल की स्थापना की। इसका प्रथम अधिवेशन नयनूराम की अध्यक्षता में मांगरोल में हुआ। 14 अक्टूबर 1941 में पं. नयनूराम की हत्या हो जाने पर कोटा प्रजामण्डल की बागडोर पं. अभिन्न हरि ने संभाली।

 

Q13. कन्हैयालाल मित्तल, मांगी लाल किस राज्य प्रजामण्डल से सम्बद्ध -

(1) झालावाड़ प्रजामण्डल

(2) कोटा  प्रजामण्डल

(3) सिरोही प्रजामण्डल

(4) अलवर प्रजामण्डल


ANS-1

 

झालावाड़ प्रजामण्डल (25 नवम्बर, 1946)  माँगीलाल भव्य की अध्यक्षता में गठित, इसमें कन्हैयालाल मित्तल व मकबूल आलम का महत्त्वपूर्ण सहयोग रहा।

 

 

Q14. डूंगरपुर प्रजामण्डल की स्थापना (1944 में) की गई थी?

(1) रामनारायण चौधरी द्वारा

(2) प्रतापसिंह बारहठ द्वारा

(3) भोगीलाल पाण्ड्या द्वारा

(4) माणिक्यलाल वर्मा द्वारा

ANS- 3

Q15. सिरोही राज्य प्रजामण्डल का संस्थापक था?

(1) कन्हैयालाल मित्तल

(2) भूपेन्द्र नाथ त्रिवेदी

(3) गोकुल भाई भट्ट

(4) मीठालाल व्यास


ANS-3


Q16. किस प्रजामण्डल आन्दोलन के तहत 'कृष्णा दिवस' मनाया गया?

(1) जयपुर

(2) मारवाड़

(3) कोटा

(4) बून्दी

ANS-2


 महत्वपूर्ण प्रजामंडल के संस्थापक और वर्ष


बूंदी- कांतिलाल                         जयपुर- कपूरचंद पाटनी      -       1931

मारवाड़- जयनारायण व्यास      हाडोती -पंडित न्यूनराम शर्मा -    1934

बीकानेर  - माधाराम वैद्य           धौलपुर- ज्वाला प्रसाद जिज्ञासु  -1936

माणिक्य लाल वर्मा  - मेवाड़          शाहपुरा- रमेशचंद्र   -1938

कोटा- नानूराम शर्मा                 कांतिलाल-- किशनगढ़          गोकुलभाई भट्ट-- सिरोही   -1939        

डूंगरपुर   -  भोगीलाल पंड्या-       -                 1944

बांसवाड़ा  -भूपेंद्र नाथ त्रिवेदी            जैसलमेर- मिठालाल व्यास    -1945

झालावाड़- मांगीलाल भव्य   -                    1946

 

Q17. सही सुमेलित नहीं है?

प्रजामण्डल      संस्थापक

(1) जैसलमेर   मीठालाल व्यास

(2) अलवर      लादाराम व्यास

 (3) सिरोही     गोकुल भाई भट्ट

(4) करौली      त्रिलोकचन् माथुर


ANS-2


Q18. अलवर राज्य प्रजा मण्डल का गठन किस वर्ष किया गया-

(1) 1918 ई.

(2) 1928 ई.

(3) 1932 ई.

(4) 1938

 

ANS-4


Q19. 'धौलपुर प्रजामण्डल' की स्थापना किसने की?

(1) मास्टर आदित्येन्द्र

(2) कृष्ण दत्त पालीवाल

(3) त्रिलोक चन्द्र माथुर

(4) अमृतलाल पायक

ANS- 2

Q20.करौली प्रजामण्डल की स्थापना किसके द्वारा की

(1) बलवंत सिंह मेहता

(2) त्रिलोक चन्द्र माथुर

(3) खूबचंद सर्राफ

(4) सागर चन्द्र मेहता

 

 ANS-2


Q21. सुमेलित कीजिए-

प्रजामंडल            संस्थापक

(A) बीकानेर      (1) भूपेन्द्रनाथ त्रिवेदी

(B) जैसलमेर     (2) कृष्णदत्त पालीवाल

(C) धौलपुर       (3) मीठालाल व्यास

(D) बाँसवाड़ा     (4) मघाराम

कूट: A B C D

(1) 4 2 3 1

(2) 2 4 1 3

(3) 1 2 4  3

(4) 4 3 2 1

ANS- 4

Q22. कौन 1938 में भरतपुर में स्थापित प्रजामण्डल के अध्यक्ष बनें -

(1) गोपीलाल यादव

(3) मास्टर आदित्येन्द्र

(2) जयनारायण व्यास

(4) जुगलकिशोर चतुर्वेदी

 ANS-1

4 मार्च 1938 को श्रीकिशनलाल जोशी के प्रयासों से रेवाड़ी (हरियाणा) में भरतपुर प्रजामण्डल की

स्थापना की तथा इसके अध्यक्ष गोपीलाल यादव एवं उपाध्यक्ष ठाकुर देशराज, रेवतीशरण शर्मा को बनाया गया।

 




धन्यवाद दोस्तों, इस ब्लॉग को पढ़ने के लिए आपका समय देने का आभार। हमें गर्व है कि हम आपके लिए राजस्थान में प्रजामंडल आंदोलन से संबंधित प्रश्नों को संग्रहित करके आपकी सहायता कर सकते हैं। यह आंदोलन राजस्थान के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है और आपको राजस्थान की सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक दुनिया के बारे में अधिक ज्ञान प्रदान करता है।


यदि आपके पास इस विषय पर कोई प्रश्न हैं या आप इसे और गहराई से जानना चाहते हैं, तो कृपया हमें अपनी प्रतिक्रिया साझा करें। हम आपके संपर्क में रहेंगे और आपके प्रश्नों का समाधान करने का प्रयास करेंगे।


हमें आपकी सहयोगी प्रतिक्रिया और सुझावों का महत्वपूर्ण महसूस होता है। हम आपके प्रतिक्रिया को सुनने के लिए सदैव तत्पर रहेंगे और आगे बेहतर ब्लॉग लेखन के माध्यम से काम करने का प्रयास करेंगे।


धन्यवाद एक बार फिर से और शुभकामनाएं!


"Quick Revision" टीम

 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ