राजस्थान के प्रमुख महल,छतरियां एवं हवेलियां | Rajasthan Ke Mahal, Chatriyan Or Haveiya | MCQ

 



"Quick Revision"
पर आपका स्वागत है! इस बार हम राजस्थान के महल, छतरिया और हवेलियों से संबंधित प्रश्नों के साथ-साथ उत्तर भी प्रदान करेंगे। राजस्थान एक इतिहास और सौंदर्य से भरा हुआ प्राचीन राज्य है, जिसमें भव्य महल, छतरिया और हवेलियाँ स्थानीय संस्कृति और विरासत का प्रतीक हैं।

इस ब्लॉग के माध्यम से हम राजस्थान के प्रसिद्ध महल, छतरिया और हवेलियों के बारे में विभिन्न पहलुओं को छेड़-छाड़ करेंगे। हमने केवल प्रश्नों और उत्तरों के रूप में इन इतिहासी स्थानों की विशेषताएं, विकास और महत्वपूर्ण भूमिका को सम्मिलित किया है।

यह ब्लॉग आपको राजस्थानी संस्कृति और इतिहास के इन बड़े धारों के प्रति अधिक जानकारी प्रदान करेगा। यदि आप राजस्थान के ऐतिहासिक और सौंदर्य से भरे महल, छतरिया और हवेलियों के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी होगा।

हमारी टीम आपको इस रोचक यात्रा में साथ लेने के लिए तत्पर है। हम आपके प्रश्नों का उत्तर देने और आपकी सहायता करने के लिए यहां हैं। हमें आशा है कि आपको यह ब्लॉग पसंद आएगा और राजस्थान की महल, छतरिया और हवेलियों के अद्यतन ज्ञान का आनंद मिलेगा।

"Quick Revision" टीम






 

Q1. हवामहल का निर्माण करवाया गया?

(1) राजा भगवानदास

(2) सवाई प्रतापसिंह

(3) राजा मानसिंह

(4) महाराजा सवाई जयसिंह

 

ANS-2

 

व्याख्या - हवामहल : 1799 ई. में सवाई प्रतापसिंह द्वारा निर्मित यह पाँच मंजिल की भव्य इमारत। इस इमारत को उस्ताद लालचन्द कारीगर ने बनाया था। हवामहल की पहली मंजिल शरद मंदिर, दूसरी रत्न मंदिर, तीसरी विचित्र मंदिर, चौथी प्रकाश मंदिर और पाँचवीं मंजिल हवा मंदिर के नाम से जानी जाती हैं। प्रथम मंजिल पर स्थित प्रताप मंदिर महाराजा प्रतापसिंह का निजी कक्ष था। इसकी विशेषता यह है कि यह बिना नींव के ही समतल जमीन पर बना हुआ है। इसका निर्माण बलुआ पत्थर तथा चूने से किया गया है। हवामहल में छोटी बड़ी कुल 953 खिड़कियाँ हैं तथा मुख्य खिड़कियों की संख्या 365 है। कहा जाता है कि प्रताप सिंह भगवान श्री कृष्ण के भक्त थे इसलिए इसका निर्माण मुकुट के आकार, में करवाया। वर्तमान में इसे राजकीय संग्रहालय के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है।

 

 Q2. रेगिस्तान का जलमहल किसे कहा जाता है?

(1) सरड़ा पानी की बावड़ी

(2) बाटाडू का कुआँ, बाड़मेर

(3) रानी जी की बावड़ी

(4) महिला बाग झालरा, जोधपुर

 

ANS-2

 

व्याख्या-बाटाडू का कुआँ (बाड़मेर) : बायतु पंचायत समिति के बाटाडू ग्राम में आधुनिक पाषाण कला

से बना संगमरमर का कुआँ दर्शनीय है। इसे 'रेगिस्तान का जल महल' कहा जाता है।

 

 

Q3. वह किला जिसमें एक जैसे नौ महल हैं, है ?

(2) जोधपुर का किला

(1) आमेर का किला

(3) नाहरगढ़ का किला

(4) जूनागढ़ का किला

 

ANS-3

 

व्याख्या नाहरगढ़ का किला : 'सुदर्शनगढ़' नाम से प्रसिद्ध इस किले का निर्माण 1734 ई. में सवाई जयसिंह ने प्रारंभ करवाया तथा इसको वर्तमान स्वरूप (1868 ई.) सवाई रामसिंह द्वारा प्रदान किया गया। अरावली पर्वतमाला पर स्थित यह दुर्ग जयपुर के मुकुट के समान है। सवाई माधोसिंह द्वितीय ने अपनी 9 प्रेयसियों (पासवानों) के नाम पर यहाँ एक जैसे 9 महलों (चाँद प्रकाश, लक्ष्मी प्रकाश, ललित प्रकाश, बसंत प्रकाश, फूल प्रकाश, जवाहर प्रकाश, खुशहाल प्रकाश, आनंद प्रकाश, सूरज प्रकाश) का निर्माण करवाया।

 

Q4. जोगी महल स्थित है?

(1) चित्तौड़गढ़

(2) रणथम्भौर

(3) लोहागढ़

(4) नाहरगढ़

 

ANS-2

 

व्याख्या - रणथम्भौर दुर्ग के प्रवेश द्वार के बाईं ओर स्थित महल जोगी महल है। कहते हैं कि यहाँ एक ऋषि रहता था। राजा ने ऋषि के रहने के लिए इस भवन का निर्माण करवाया था किन्तु बाद में यहाँ साधुओं के डेरे लगने लगे। इसी कारण इसका नाम जोगी महल पड़ गया।

 

 Q5. छीतर पैलेस के नाम से प्रसिद्ध है?

(1) चन्द्रमहल

(3) सामोद महल

(2) विजय मन्दिर

(4) उम्मेद भवन पैलेस

 

ANS-4

 

व्याख्या - उम्मेदभवन (जोधपुर)-इसका शिलान्यास 18 नवम्बर, 1928 को महाराजा उम्मेदसिंह द्वारा किया गया। उम्मेदभवन एशिया के भव्य प्रासादों में से एक है। इसका निर्माण अकाल राहत कार्यों के तहत् (1928-1940) सम्पन्न हुआ। उम्मेदभवन को छीतर पत्थर से बनने के कारण छीतर पैलेस भी कहा जाता है।


    DOWNLOAD PDF HERE...




 

Q6. बूँदी में 'रंगमहल' का निर्माण करवाया?

(1) रतन

(2) भावसिंह

(3) छत्रसाल

(4) माधोसिंह

 

ANS-3

 

व्याख्या - बूँदी के महाराव छत्रसाल द्वारा बूँदी में 'रंगमहल' का निर्माण करवाया। यह रंगमहल अपने भित्ति चित्रों से जगत प्रसिद्ध है।.

 

Q7. विश्व का सबसे बड़ा चाँदी का पात्र कहाँ रखा हुआ है?

(1) सिटी पैलेस, जयपुर

(2) खेतड़ी (झुंझुनूँ)

(3) हर्ष की पहाड़ियाँ, सीकर  

(4) लेक पैलेस, उदयपुर

 

ANS-1

 

व्याख्या -सिटी पैलेस (चन्द्रमहल) : जयपुर के सिटी पैलेस में स्थित चाँदी के पात्र (विश्व के सबसे

बड़े) तथा बीछावत पर बारीक काम (सुई से बना चित्र) विश्व प्रसिद्ध है। यह जयपुर राजपरिवार का निवास स्थान था । यहाँ स्थित दीवाने-आम में महाराजा का निजी पुस्तकालय (पोथीखाना) एवं शास्त्रागार है। 1900 ई. में महाराजा सवाई माधोसिंह द्वितीय द्वारा बनवाये गये इस महल के पूर्वी

द्वार को सिरह- ड्योढ़ी कहते है। यहाँ मुगल, यूरोपीय एव  राजपूत स्थापत्य कला का अद्भुत समन्वय के लिए मेहमानबाजी के लिए निर्मित 'मुबारक महल' स्थित है।

 

 

Q8. 'काठ का रैन बसेरा' महल राजस्थान के किस जिले में है-

(1) बीकानेर  

(2) उदयपुर  

(3) जोधपुर

(4) झालावाड़

 

ANS-4


व्याख्या - काठ का रैनबसेरा : झालावाड़ से 7 किमी. दूर किशनसागर झील के किनारे लकड़ी से निर्मित एक अत्यंत सुन्दर विश्राम गृह (देहरादून की वन शोध संस्थान द्वारा निर्मित), जिसे झालावाड़ के तत्कालीन महाराजा 1936 ई. में लखनऊ की एक उद्योग प्रदर्शनी में से खरीदकर लाये थे।

 

 



Q9. प्रसिद्ध चौरासी खम्भों की छतरी कहाँ स्थित है?

(1) कोटा

(2) झालावाड़

(3) जयपुर

(4) बूँदी

 

ANS-4

 

व्याख्या - चौरासी खम्भों की छतरी (बूंदी) : भग्रवान शिव को समर्पित इस छतरी का निर्माण (1683-

1695 ई.) राजा अनिरूद्ध के भ्राता देवा ने करवाया। कोटा रोड पर स्थित देवपुरा गाँव के पास इस दो मंजिला छतरी के चबूतरे के चारों ओर विभिन्न पशु-पक्षियों आदि के चित्र पत्थर पर उकेरे गये है।

 

 

Q10. मूसी महारानी की छतरी कहाँ है?

(1) अलवर

(2) धौलपुर

(3) जोधपुर

(4) प्रतापगढ़

 

ANS-1

 

मूसी महारानी की छतरी (अलवर) अस्सी खम्भों वाली इस छतरी का निर्माण 1815 ई. में बख्तावर सिंह की महारानी के दत्तक पुत्र विनय सिंह ने करवाया। इसे मूसी महारानी व तत्कालीन महाराजा बख्तावर सिंह की स्मृति में बनाया गया। 2 मंजिली इस छतरी को पहली मंजिल लाल पत्थर व दूसरी मंजिल श्वेत संगमरमर से निर्मित है। इस छतरी की ऊपरी मंजिल पर रामायण और महाभारत के भित्ति चित्र भी बने हुए हैं।

 

Q11. जयपुर स्थित गैटोर की छतरियाँ किस वंश के राजपरिवार से सम्बन्धित हैं ?

(1) हाड़ा

(2) सिसोदिया

(3) परमार

(4) कछवाहा

 

ANS-4

 

व्याख्या गैटोर : नाहरगढ़ किले की तलहटी में स्थित जयपुर के दिवंगत कछवाहा राजाओं की संगमरमर निर्मित कलात्मक छतरियों के लिए प्रसिद्ध स्थल ।

 

Q12. राजस्थान में बड़ा बाग छतरियाँ कहाँ पर अवस्थित हैं?

(1) जैसलमेर

(2) बीकानेर

(3) अलवर

(4) बाडोली

 

ANS-1

 

व्याख्या-बड़ा बाग : यह जैसलमेर के महारावलों के श्मशानों पर बनी कलात्मक छतरियों के लिए विख्यात है। महारावल जैतसिंह ने यहाँ 1585 में जैतसर सरोवर का निर्माण करवाया । यहाँ क्षेत्रपाल जी का मंदिर भी स्थित है।

 

Q14. बत्तीस खम्भों की छतरी स्थित है?

(1) रणथम्भौर

(2) बाण्डोली

(3) उदयपुर

(4) गोगून्दा

 

ANS-1

 

व्याख्या - जयसिंह / जैत्रसिंह की छतरी (हम्मीरदेव के पिता की स्मृति में 32 खम्भों की छतरी) रणम्भौर दुर्ग में है।उल्लेखनीय है कि जोधसिंह की छतरी (बदनोर, भीलवाड़ा) जगन्नाथ कछवाहा (भीलवाड़ा) भी 32 खम्भों की छतरियाँ हैं। ·

 

Q15. जोधपुर में प्राचीन राजाओं की छतरियों एवं उद्यान के लिए प्रसिद्ध स्थान का नाम है-

(1) मंडोर  

(2) जसवंत थड़ा  

(3) ओसियाँ

(4) लूणी

 

ANS-1

 

व्याख्या - जोधपुर के मंडोर में एक सुन्दर उद्यान बना है, जिसमें अजीत पोल, देवताओं की साल व वीरों का दालान, मंदिर, बावड़ी, जनाना महल, एक थम्बा महल, नहर, झील व जोधपुर के विभिन्न महाराजाओं के स्मारक बने हैN 1            Z`\xtq   । उद्यान में बनी कलात्मक इमारतों का निर्माण जोधपुर के महाराजा अजीत सिंह व उनके पुत्र महाराजा अभय सिंह . के शासन काल के समय सन 1714 से 1749 ई. के बीच किये गए थे।

 

Q16. जसवंत थड़ा कहाँ अवस्थित है-

(1) बीकानेर

(2) आमेर

(3) उदयपुर

(4) जोधपुर

 

ANS-4

 

Q17. शहर-छतरियाँ सुमेलित कीजिए-

A. जयपुर       1. बड़ा बाग

B. जोधपुर      2. छत्र विलास

C. कोटा         3. जसवंत थड़ा

D. जैसलमेर   4. गैटोर

कूट: A B C D

(1)  1 2 3 4

(2) 4 2 3 1

(3) 4 3 2 1

(4) 4 1 2 3

 

ANS-3

 

Q18. क्षारबाग किस शहर में स्थित है?

(1) बूँदी

(2) उदयपुर

(3) अजमेर

(4) अलवर

 

ANS-1

 

क्षारबाग की छतरियाँ - कोटा, बूँदी में है। कोटा के क्षारबाग में हाड़ा शासकों की कलात्मक

छतरियां है तथा बूँदी के क्षारबाग (केसर बाग) में वहाँ के दिवंगत राजाओं ( 66 छतरियों से युक्त) के समाधि स्थल हैं।

 

Q19. कागा की छतरियों का सम्बन्ध किस जिले से है?

(1) जोधपुर

(2) जयपुर

(3) कोटा

(4) जैसलमेर

 

ANS-1

 

व्याख्या- कागा की छतरियाँ (स्मारक) जोधपुर से पाँच किलोमीटर दूर ऋषि श्रेष्ठ काग भुशुण्डि की तपोभूमि,जहाँ भगवती गंगा भी ऋषि के तप से प्रकट हुई थी, यहाँ लगभग 150 छतरियाँ बनी हुई हैं। कागा की छतरियों का सम्बन्ध जोधपुर राजपरिवार के सदस्यों से है।

 

Q20. महाराणा प्रताप की छतरी कहाँ स्थित है-

(1) बूँदी

(3) माण्डल

(2) गैटोर

(4) बाण्डोली

 

ANS-4

 

Q21. मेवाड़ नरेश राणा अमरसिंह एवं राणा कर्णसिंह की छतरियाँ (स्मारक) अवस्थित है-

(1) मंडोर (जोधपुर)

(2) आहड़ (उदयपुर)

(3) नाथद्वारा (उदयपुर)

(4) इनमें से कोई नहीं

 

ANS-2

 

व्याख्या - सिसोदिया राजवंश की /महासतियाँ / आहड़ की छतरियाँ उदयपुर में स्थित है। यहाँ मेवाड़ के राजपरिवार के लोगों के कब्रिस्तान स्थित है। यहाँ मेवाड़ के 19 शासकों का स्मारक है। यहाँ सबसे प्रमुख स्मारक महाराणा अमर सिंह का है। अमर सिंह ने सिंहासन त्यागने के बाद अपना अंतिम समय यहीं व्यतीत किया था।

 

Q22. पटवों की हवेली कहाँ स्थित है?

(1) उदयपुर

(2) जैसलमेर

(3) जोधपुर

(4) झुन्झुनूँ

 

ANS-2

 

 

व्याख्या- पटुवों की हवेली (जैसलमेर): 18वीं शताब्दी के उतरार्द्ध में जैसलमेर के एक व्यवसायी

गुमानचन्द पटुआ के 5 पुत्रों ने इस हवेली का निर्माण लगभग 50 वर्षों में पूर्ण करवाया।

 

Q23. सलीम सिंह की हवेली और नथमल की हवेली में स्थित हैं-

(1) बाड़मेर

(3) चित्तौड़गड़

(4) जैसलमेर

(2) बीकानेर

 

ANS-4

 

Q24. प्रसिद्ध स्मारक सुनहरी कोठी स्थित है-

(1) जयपुर

(3) टोंक

(2) अजमेर.

(4) बून्दी

 

ANS-2

 

व्याख्या - सुनहरी कोठी - टोंक बड़ा कुआँ के पास नजर बाग में रत्न, कांच एवं सोने की झाल देकर बनायी गयी सुनहरी कोठी स्थित है।

नवाब वजीउद्दौला खाँ द्वारा 1824 में निर्मित 'शीशमहल' के नाम से प्रसिद्ध इस इमारत में रंगीन शीशों जड़ित उत्कृष्ट कार्य किया गया है। रियासत के चौथे नवाब इब्राहिम अली खान ने 1867/से 1885 के बीच इसमें पच्चीकारी का काम करवाया। जिससे इसकी खूबसूरती पर चार चाँद लग गये । इसका पहले नाम ज़रनिगार रखा गया था।

 

Q25. भित्ति चित्रण की दृष्टि से कहाँ की हवेलियाँ प्रसिद्ध हैं?

(1) शेखावाटी

(3) उदयपुर

(2) जैसलमेर

(4) बीकानेर

 

ANS-1

 

Q26. राजस्थान में 'दानचन्द्र चौपड़ा की हवेली' कहाँ स्थित है?

(1) खेतड़ी

(2) किशनगढ़

(3) बीकानेर

(4) सुजानगढ़

 

ANS-4

 

 

अंत में, हमें आपका साथ देने और राजस्थान के महल, छतरिया और हवेलियों से संबंधित प्रश्नों के जवाब देने के लिए आपका धन्यवाद। इस यात्रा में हमने राजस्थान की समृद्ध इतिहासिक विरासत को और गहराई से जानने का अवसर प्रदान किया है।

राजस्थान के ये महल, छतरिया और हवेलियाँ न केवल उनके सांस्कृतिक महत्व के कारण बल्कि उनकी सौंदर्यशाली शैली और विस्तृत इतिहास के कारण भी अद्भुत हैं। हमें आपके साथ यह साझा करके गर्व हुआ है कि आपने इन स्थानों के संबंध में नए ज्ञान को अर्जित किया।

यदि आपके पास इस विषय से संबंधित अधिक अध्ययन के लिए अन्य स्रोतों की जरूरत है, तो हम आपके लिए इस यात्रा को और भी सार्थक बनाने में खुशी होंगे।

हम आपके साथ आने वाले "Quick Revision" यात्राओं में भी आपके साथ संबंध बनाए रखने की उम्मीद करते हैं।

धन्यवाद और बने रहें "Quick Revision" टीम के साथ!

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ