"Quick Revision" ब्लॉग पर आपका स्वागत है! यहां हम आपको राजस्थान के लोक गीतों के प्रश्नों के साथ-साथ उत्तर भी प्रदान करेंगे। यदि आप राजस्थानी लोक संगीत के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो यह ब्लॉग आपके लिए सही स्थान है।

हमने इस ब्लॉग में केवल प्रश्नों और उत्तरों को ध्यान में रखते हुए राजस्थान के लोक गीतों के विभिन्न पहलुओं को समावेश किया है। हर प्रश्न के साथ, हम एक संक्षेप में उत्तर देंगे जो राजस्थानी लोक संगीत की प्रमुखताओं, विशेषताओं, गायकों, और गीतों के बारे में ज्ञान प्रदान करेगा।

यह ब्लॉग आपको राजस्थानी लोक संगीत के विभिन्न पहलुओं पर सोचने, जानने, और विचार-विमर्श करने का मौका देगा। हमें आशा है कि आपको यह साझा करे गए प्रश्नों और उत्तरों से राजस्थानी लोक संगीत की गहराई में नए पहलुओं का अनुभव होगा।

"Quick Revision" टीम के द्वारा आपके साथ इस रोचक यात्रा में एक साथ जुड़ने की आशा है।



Q1. निम्न में से किसे मरुभूमि की कोकिला कहा जाता है?

(1) गवरी देवी

(2) मांगी बाई

(3) बन्नो बेगम

(4) अल्लाह जिलाई बाई


ANS- 4


व्याख्या - अल्लाह जिलाई बाई, मांड गायिका बीकानेर निवासी 'राजस्थान की मरू कोकिला' मांड

गायिका का गाया 'केसरिया बालम गीत' आज राजस्थांन की पहचान बना हुआ है। कला एवं साहित्य में उनके योगदान के लिए 1982 में 'पदमश्री' से सम्मानित किया। उनकी गायकी की स्मृति में बीकानेर में अखिल भारतीय मांड गायन समारोह का आयोजन होने लगा।

 

Q2. 'लांगुरिया' लोकगीत है-

(1) विवाह गीत

(2) होली गीत

(3) प्रेम गीत

(4) भक्ति गीत

 

ANS-4


व्याख्या - गूजरों में अधिक मानी जाने वाली कैलादेवी के मंदिर की प्रमुख विशेषता कनक दण्डवत है। इनके भक्त इनकी आराधना में प्रसिद्ध लांगुरिया गीत गाते है ।

 

Q3. मरूभूमि के लोकगीत उनकी किस भावना के परिचायक हैं?

(1) उमंग

(2) वियोग

(3) हृदय की पीड़ा

(4) सभी


ANS-4

 

 Q4. गवरी देवी राजस्थान की किस लोक संगीत गायन शैली से जुड़ी हुई है-

(1) लहंगा

(2) मांगणियार

(3) मांड

(4) तालबन्दी


ANS-3

 

 Q5. कौनसा प्रसिद्ध राजस्थानी गीत एक युवती के सौन्दर्य का वर्णन करता है? 

(1) कुरजाँ

(2) मूमल

(3) सपना

(4) गोरबंध

 

ANS-2


व्याख्या -जैसलमेर में गाया जाने वाला शृंगारिक लोकगीत मूमल में लोद्रवा (जैसलमेर) की राजकुमारी मूमल की सुन्दरता का नख से शिख तक वर्णन किया गया है।


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Q6. लोकगीत ओल्यूं गाया जाता है-

(1) प्रिय की याद में

(2) वीरता के महिमामण्डन में

(3) शोक की घड़ी में

(4) उत्सव के अवसर पर

 

ANS-1


व्याख्या - ओल्यूं- विवाह के अवसर पर महिलाओं द्वारा बेटी की विदाई पर घर की स्त्रियों द्वारा मन हल्का करने के लिए गाया जाने वाला गीत।

 

Q7. रतवाई लोक गीत किस क्षेत्र में गाए जाते हैं?

(1) मेवाड़

(2) मारवाड़

(3) मेवात

(4) हाड़ौती


ANS-3


  




 Q8. 'जला' गीत स्त्रियों द्वारा कब गाया जाता है-

(1) कुँआ पूजन के समय

(2) जलझूलनी एकादशी के अवसर पर

(3) वर की बारात का डेरा देखने जाने पर

(4) तीज पूजन के अवसर पर

ANS-3

 

Q9. 'होलार' राजस्थानी लोक गीत में जो ... के अवसर पर गाए जाते हैं।

(1) किसी को विवाह के लिए प्रस्ताव दे

(2) शिशु का जन्म होने

(3) गणगौर उत्सवों

(4) विवाह के समापन


ANS-2

 

व्याख्या पुत्र जन्मोत्सव पर जच्चा/होलर नामक मंगल गीत, सामूहिक रूप से गाया जाता है।

 

 Q10. राजस्थान में 'झोरावा' गीत है-

(1) एक विरह गीत

(2) एक जन्मोत्सव गीत

(3) वधू विदाई गीत

(4) फसल रोपने के समय गाया जाने वाला गीत


ANS-1

 

व्याख्या - जैसलमेर क्षेत्र में पति के परदेश जाने पर उसके वियोग में गाये जाने वाले गीत झोरावा कहलाते हैं।

 

Q11. पटेल्या, बीछियों एवं लालर प्रमुख लोकगीत है-

(1) जाट जाति के

(2) कालबेलियों के

(3) चारण जाति के

(4) आदिवासियों के


ANS-4

 

Q12. पावणा गीत कब गाया जाता है? [कारापाल 2012]

(1) बेटी की विदाई पर

(2) ससुराल में जवाँई के आगमन पर

(3) ब्याहीजी के आगमन पर

(4) पुत्र पैदा होने पर


ANS-2

 

पावणा : किसी घर में ब्याहे जाने वाले व्यक्ति से सम्बन्धित गीत गाए जाते है, वे गीत पावणा

कहलाते है। ये गीत भोजन कराते समय गाए जाते है जिनमें मीठी-मीठी गाली दी जाती है।

   

Q13. सूबटिया लोकगीत का सम्बन्ध किससे है?

(1) गरासिया स्त्री से

(2) सती स्त्री से

(3) वीरांगना स्त्री से

(4) भील स्त्री से

 

ANS-4


व्याख्या - मेवाड़/पर्वतीय प्रदेश का सूबटिया लोकगीत भीलनी स्त्री द्वारा पति के लिए संदेश के रूप में गाया जाने वाला विरह गीत है।

 

Q14. भीलों का प्रसिद्ध लोकगीत जिसे स्त्री-पुरुष साथ मिलकर गाते हैं, हैं:

(1) संवलिया

(2) झोरावा

(3) सुपणा

(4) हमसीढ़ो


ANS-4

 

व्याख्या - मेवाड़/पर्वतीय प्रदेश का हमसीड़ो लोकगीत भीलों के युगल (स्त्री-पुरुषों) द्वारा गाया जाता है।

  

 

गीत का नाम            क्षेत्र                                  समय

कुरजां                    मरुप्रदेश जोधपुर                 वर्षा ऋतु

पीपली                   शेखावाटी, मारवाड़                तीज

 मूमल                   जैसलमेर                             कभी भी

केसरिया बालम       मरुप्रदेश(मारवाड़)

घुड़ला                    जोधपुर                                चैत्र

 इण्डोणी, पणिहारी   मारवाड़                           पानी भरते समय

 घूमर                     मारवाड़(सम्पूर्ण राज)          गणगौर     

गोरबंद                   मारवाड़ शेखावाटी

ढोला मारु गीत      सिरोही

हिचकी                   अलवर-मेवात क्षेत्र                कभी भी

तीज                       ढूंढाड मारवाड़                     श्रावण में

बिणजारा                मरुप्रदेश                             रातीजगा में

झोरावा                  जैसलमेर


   

अंत में, हमें आपके सहयोग के लिए धन्यवाद और समय देने के लिए आपका आभार। हमें गर्व है कि हमने आपको राजस्थान के लोक गीतों के संबंध में उपयोगी जानकारी प्रदान की है। हमें आपकी प्रतिक्रिया सुनने का आनंद होगा और हमारे ब्लॉग के अगले अद्यतन में आपकी सहायता करने का अवसर मिलेगा।

राजस्थानी लोक संगीत एक विरासती सांस्कृतिक ज्ञान है और हमें गर्व है कि हमने आपके पास इसके विभिन्न पहलुओं को प्रस्तुत किया है। इसका अध्ययन आपको राजस्थानी संगीत की गहराई और अद्यतितता को समझने में मदद करेगा।

हमें आशा है कि आपको यह ब्लॉग पसंद आया होगा और आपको राजस्थानी लोक संगीत के अद्यतित ज्ञान और संगीतिक विरासत का आनंद मिला होगा। हमारी टीम यहां है आपके प्रश्नों का उत्तर देने के लिए और आपकी सहायता करने के लिए।

धन्यवाद और बने रहें "Quick Revision" टीम के साथ!